आज में आपको बताऊंगा कि ईंटों का रंग लाल क्यों होता है। ईंटो को मिटटी से बनाया जाता है। मिटटी की पेस्ट को अच्छी तरह मसल कर नरम किया जाता है। इस पेस्ट को लोहे की आयताकार फ्रेम में डाल कर ईंट बनायीं जाती है। कच्ची ईंट का इस्तिमाल मकान बनाने के लिए किया जाता है। यह मजबूत नहीं होती। यह आसानी से टूट जाती है , यह जल्दी कमजोर पड जाती है
ईंटों में तत्वों की मात्रा भार के अनुसार होती है। जैसे : रेत 50-60%, एलुमिना 20-30%, लाइम 2-5%, मेगनीसियम 1%, लोहा 7%
कच्ची ईंटो को मजबूत बनाने और कमजोरी से बचाने के लिए ईंटो को ऊँचे तापमान और भट्टी में पकाया जाता है। भट्टी में तापमान 875 से 900 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। ऊँचे तापमान पर लोहा और अन्य धातुएं के "Oxide Aluminade Silica" के साथ मिलकर रासायनिक बंधन बनाते है। इस तरह कच्ची ईंट की रासायनिक रचना बदल जाती है और लाल रंग की हो जाती है। इसी को ही पक्की ईंट कहते है। पक्की ईंट 10 % छोटी हो जाती है। ऊँचे तापमान और लोहा ऑक्सीजन के साथ मिलकर हिमेटाइट बनाता है जिसके कारण ईंट का रंग लाल हो जाता है
पक्की ईंट का प्रयोग मकान बनाने, नहरें बनाने, बड़ी इमारतें बनाने, बांध बनाने, फैक्ट्री अदि कामो में किया जाता है
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